राष्ट्र-निर्माण और युवा
— अशोक भारत आजादी प्राप्त हुए सात दशक हो रहे हैं। इन बीते वर्षों में विकास के नाम पर बड़े-बड़े नगर-महानगर खड़े किये गये। ‘एक्सप्रेस’ वे बना, सड़वेंâ चौड़ी हुर्इं। विशाल कल-कारखाने, बांध बनाये...
— अशोक भारत आजादी प्राप्त हुए सात दशक हो रहे हैं। इन बीते वर्षों में विकास के नाम पर बड़े-बड़े नगर-महानगर खड़े किये गये। ‘एक्सप्रेस’ वे बना, सड़वेंâ चौड़ी हुर्इं। विशाल कल-कारखाने, बांध बनाये...
हर समाज के सामने कोई सवाल होता है और उसे वह अपने स्तर से हल करने की कोशिश करता है। विज्ञान के इस युग में मनुष्य ने भौतिक उपलब्धियां तो बहुत हासिल कीं, सुख-सुविधा...
लोकतंत्र का महापर्व चुनाव बिहार में दस्तक दे रहा है। इसलिए राज्य में राजनीतिक सरगर्मी तेज हो गयी है। राजनीतिक दल सक्रिय हो गये हैं। चुनाव जीतने के लिए एक तरफ राजद, जद (यू)...
— अशोक भारत पूंजीवाद ने उन देशों में जहां इसका शुरू-शुरू में विकास हुआ था, राष्ट्र-राज्य को जोड़ने में सीमेंट का काम किया। हालांकि आधारभूत रूप से राष्ट्र-राज्य कबायली भावना पर आधारित था, जहां...
-अशोक भारत यूनान व मिस्र व रूमा सब मिट गए जहाँ से ‘कुछ’बात है कि हस्ती मिटती नहीं हमारी। इकबाल के प्रसिद्ध गीत ‘सारे जहाँ से अच्छा’ की इन पंक्तियों में भारतीय सभ्यता और...
— अशोक भारत राष्ट्रीयता असल में कबायली और क्षेत्रीय अधिकार की अंतर्निहित भावनाओं का विकास है। यह मानव मस्तिष्क की एक अवचेतन प्रक्रिया का परिणाम है। आम धारणा के विपरीत मनुष्य की भावना बिल्कुल...
नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में भारतीय जनता पार्टी ने पिछले लोकसभा चुनाव में देश की जनता से वादा किया था कि देश को भ्रष्टाचार मुक्त करेंगे। नौजवानों के लिए रोजगार पैदा करेंगे, किसानों के...
देश की ग्रामीण अर्थव्यवस्था गहरे संकट में है। किसानों की हालत पस्त है। पिछले एक दशक में लगभग तीन लाख किसानों ने आत्महत्या की है। यह सिलसिला बदस्तूर जारी है और महामारी की तरह...
— अशोक भारत यह चिन्ता का विषय है कि देश में खेती की जमीन तेजी से घट रही है। पिछले एक दशक में खेती योग्य 12.5 करोड़ हेक्टेयर में से 1 करोड़ 80 लाख...
—अशोक भारत देश में नशा का प्रचलन तेजी से बढ़ रहा है। खास करके युवा वर्ग इसकी चपेट में आ रहे हैं, जो चिन्ताजनक है। मदिरापान करने वालों की संख्या में हो रही बढ़ोतरी...
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